चाय क्या है?
‘चाय’ शब्द जिसको अंग्रेजी में कहते हैं ‘टी’, और जिसको लिया गया है चीनी शब्द ‘चा’ से। कहने को तो चाय बस एक साधारण सी पीने की चीज़ है। क्या ही है चाय में ? थोड़ा सा दूध , शक्कर ,पानी और चाय पत्ती घोली और बन गयी चाय। तो आखिर इसमें ऐसा है क्या, की जिसने इसको एक बार जाना वो इससे अपना पीछा न छुड़ा पाया।
चाय मतलब इंसान रूपी प्राणी की दूसरी मोहब्बत, चाय मतलब मस्ती, चाय मतलब पेन किलर, चाय मतलब सोचने का ज़रिया , और सक्सेस की कहानी समेत चाय के ना जाने कितने अर्थ है हर किसी की जिंदगी में। चाय जिसे पीने के लिए हर कोई हर समय तैयार रहता है, क्योंकि चाय एक ऐसा नशा है जिसे करने के लिए किसी की इजाजत नहीं लेनी पड़ती बस जेब में कुछ चिल्लर रखने होते है।
दुनियां भर में चाय को चाय की तरह लिया जाता है हमारे देश में चाय की भी वेरायटीज मिलती है। कुल्हड़ वाली चाय, कटिंग चाय, टपरी की चाय, कॉफ़ी पाउडर वाली चाय, काली चाय, व्रत वाली चाय, और तो और स्पेशल चाय जिसमे स्पेशल कुछ नही होता। तो चलिए आइये क्यों न चाय की प्याली लेकर बैठे और जाने आखिर कितने प्रकार की चाय है भारत में ?
भारत की अलग प्रकार की चाय-
मसाला चाय –
पूरे भारत की सबसे प्रसिद्ध चाय , मसाला चाय जिसके बारे में सभी चाय लवर को तो ज़रूर ही पता होगा। चाय पत्ती , दूध और इलाइची, दालचीनी, लॉन्ग , अदरक जैसे कुछ मसलो से बनी कड़क और मसालेदार, ये चाय बच्चे या बुड्ढे सभी को भाति है।
अदरक की चाय-
नाम पढ़कर ही बूझ गए होंगे , ये है वो चाय जो बेहतरीन औषधि की तरह भी काम करती है। सर्दी , खासी जुखाम हो और मम्मी अदरक की चाय बना कर न दे ऐसा शायद ही किसी घर में हुआ हो। इस चाय में अदरक की वजह से हल्का सा तीखापन भी रहता है जो अच्छी औषधि की तरह काम करता है।
लेबू चाय-
बाबूमोशाय! ये चाय है कोलकत्ता शहर की , जिसको बनाया जाता है लेमन जूस और ब्लैक टि से। ज्यादातर मिंट की पत्तियों के साथ परोसी जाने वाली चाय , गर्मियों में राहत देती है।
नीलगिरि चाय –
ये चाय है तमिल नाडु की जिसकी पैदावार नीलगिरि के पहाड़ों में होती है। उम्दा स्वाद और हल्का सा तीखापन से भरपूर ये चाय को पीने का आनंद कुछ और ही है।
कश्मीरी काहवा –
ग्रीन टी , केसर, दालचीनी,इलाइची और बादाम से बनी ये चाय कश्मीर की ट्रेडिशनल चाय है, जिसका हर घूट सुगंध और मीठास से भरपूर है।
दार्जीलिंग टि-
चाय प्रेमियों में चर्चित ये चाय है वेस्ट बंगाल की। ‘शैम्पेन ऑफ़ टीस’ मानी जाने वाली ये चाय की खासियत है दार्जीलिंग में उगने वाली चाय पत्ती जो इसको सौंधी सुगंध और स्वाद देती है।
काँगड़ा चाय –
चलिए आपको हिमाचल प्रदेश की भी चाय से मिलाते है। काँगड़ा चाय , पालमपुर के बागों में उगने वाली ये चाय मानो चाय प्रेमियों के लिए स्वर्ग क सामान है। यह वनस्पति सुगंध प्रदान करती है जो आपकी इंद्रियों को ताज़ा करती है और एक सूक्ष्म तीखा स्वाद देती है जो आपके तालू पर रहता है।
रोंगा साह –
असम की यह चाय एक स्ट्रांग फ्लेवर प्रदान करती है। इस चाय की खासियत ये है की इसकी पत्तियां इसको लाल रंग प्रदान करती है।
कटिंग चाय –
जो कोई भी व्यक्ति हिंदी सिनेमा में रुचि रखता है उसके लिए तो ये शब्द बहुत ही कॉमन सा है। कटिंग चाय आमची मुंबई की चाय है , और इसको परोसा जाता है हाफ ग्लासेज में इसीलिए इसका नाम पड़ा कटिंग चाय।
तुलसी चाय –
तुलसी से बानी इस चाय में स्वास्थ वर्धक कई गुड़ है , जिसकी वजह से ये उन लोगो में काफी प्रसिद्ध है जो अपने स्वाथ्य में रुचि लेते है।
ईरानी चाय –
हैदराबाद की यह चाय काफी टूरिस्ट का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती है। बस थोड़ा सा मावा ही इस को बाकी चाय से अलग करता है और इसको एक क्रीमी और मीठा टेक्सचर देता है। ईरानी चाय का मज़ा लोग इसको बन मस्का क साथ पी कर लेते है।
सुलैमानी चाय –
साउथ इंडिया की प्रसिद्ध ये चाय ब्लैक टी और लेमन से बनती है जो की एक रिफ्रेशिंग टेस्ट देता है। इसको ‘घावा’ और ‘कट्टन चाय’ के नाम से भी जाना जाता है।
नून चाय –
चाहे शीर चाय कह लो या पिंक टी , यह चाय अद्भुत ही है। कश्मीर की ये चाय ग्रीन टी, गनपाउडर, दूध नमक और बेकिंग सोडा से बनती है जो इस चाय को सभी चाय से भिन्न करता है। पर पिंक टी क्यों ? क्यूंकि बेकिंग सोडा पड़ने से इसमें हल्का सा गुलाबी रंग खिल्ल उठता है।
फीलिंग्स से भरी चाय की प्याली
चाहे जहाँ कही भी चाय हो , नार्थ साउथ ईस्ट वेस्ट, चाय का स्वरुप चाहे जैसा भी हो , चाय हमेशा ही लोगो के दिन का हिस्सा रहेगी। चाय सिर्फ एक पेय पदार्थ नहीं बल्कि एक फीलिंग है यह केहना गलत न होगा। दोस्तों के साथ हसी मज़ाक का सिलसिला हो , या ही देश की इम्पोर्टेन्ट चर्चा , ऑफिस की टेंशन हो या ही एग्जाम से हालत ख़राब , चाय हर इमोशन में फिट बैठती है , और चाय हर इमोशन में साथ देती है।
तो चलिए एक कप चाय हो जाए ?
“चाय का स्वाद हर पल सुखद, जगाए जगहर उत्साह।”
और चाय अगर भारत के विभिन्न प्रदेशो से हो तो बात ही अलग है। तो आइये एक एक कप चाय पिए और भारत में मिलने वाली अलग अलग चाय के बारे में चर्चा करें।