Author: shivam

चित्रकूट धाम

ये वादा है इतनी जल्दी न तुम शहर जाओगे चित्रकूट आओगे तो थोड़ा ठहर जाओगे। प्रभु राम के चरण कमल प्रकृति की जादूगरी हूं मै, रोमांच का दामन थामे हूं धर्म की भी नगरी हूं मै, जहां तक नज़रे जायेंगी सतयुग ही सतयुग पाओगे, पाप किए हो कितने...

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