पिछले एक साल से महामारी पीछा नहीं छोड़ रही, पूरा देश फ्रस्ट्रेट हो चुका है लॉकडाउन के चलते घरों में कैद होकर मोबाइल और टेलीविजन पर वही घिसे पिटे डेली न्यूज़ डेली सोप देख देख कर,
ऐसे में यदि लॉकडाउन हटता है तो लगभग पूरा भारत भ्रमण या ट्रैवल का प्लान करेगा की कहीं ऐसी जगह चला जाए जो प्राकृतिक आवास में हो और जहां दिमाग और दिल दोनों को ठंडक मिले इसके साथ ही शहरों की हवा और बंगलों से दूर हटकर अध्यात्म और प्रकृति से जुड़ने को मौका मिले, और यदि आप ऐसी ही एक ट्रिप की तलाश में है तो मै आपको बताता हूं एक उत्तम स्थान जो आपको इतिहास मॉन्यूमेंट्स जंगल और प्राकृतिक आवास के करीब ले जाएगा जी हां जैसा की हम सब को पता है की मध्य प्रदेश टूरिज्म पहला ऐसा स्थान है जो हर किसी के दिमाग़ मे आता है और आए भी क्यूं नहीं भाई 80% हिस्सा जंगल में जो है और इसी मध्यप्रदेश टूरिज्म के अंदर आता है एक बेहद खूबसूरत और प्रकृति व जंतुओं को करीब से महसूस कराने वाला स्थान बांधवगढ़।
कहां स्थित है बांधवगढ़
बांधवगढ़ मध्यप्रदेश का एक फेमस टूरिस्ट व पिकनिक स्पॉट है जो की मध्यप्रदेश के उमरिया जिले से लगभग 30 किलोमीटर अंदर है, छोटे पहाड़ो नदियों झरनों और हरे भरे लहलहाते जंगलों से घिरा बांधवगढ़ आपके लिए एक बढ़िया ऑप्शन हो सकता है घूमने के लिए यदि आप प्रकृति के करीब आना चाहते है या वन्य जीव प्रेमी है तो,
बांधवगढ़ अभ्यारण भारत के सबसे ज्यादा घूमे जाने वाले अभ्यारण्य में से एक है और भारत के सबसे ज्यादा फेमस जंगल सफारी में एक है, जहां की सैर आपको आपके लाइफ की सबसे बेस्ट मेमोरीज दे सकती है।
बांधवगढ़ का प्राकृतिक दृश्य
सोचिए एक ऐसा स्थान जो जंगल के बीच स्थित हो और वहीं एक अभ्यारण्य हो जिसके अंदर प्राकृतिक घटा को लपेटे हुए खूबसूरत रिजॉर्ट्स हों, जहां कोई टेलीविजन नहीं हो कोई सांसारिक सुख ना हो बस आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुख हो, जहां आप चारो तरफ़ से जंगली जानवरों के बीच हो और बारिश, व हरियाली आपको अपनी ओर खींच रहीं हो तो वो समा वो माहौल आपके लिए कैसा अनुभव होगा?
तो ऐसे ही हिस्टोरिक और प्राकृतिक कहानियों को लपेटे हुए बांधवगढ़ के बहुत से किस्से है जो बहुत फेमस है और इन किस्सों को करीब से अनुभव करना आपका हक है।
क्या है बांधवगढ़ का इतिहास
माना जाता है की बांधवगढ़ के अंदर जो बहुचर्चित किला है उस किले का इतिहास त्रेता युग का है और भगवान राम ने ये किला अपने भाई लक्छमण को भेंट स्वरूप दिया था, जिसके बाद युग बदलते गए और किले के हकदार भी, बांधवगढ़ रीवा के महाराज व नवाबों का शिकारगाह हुआ करता था जहां रीवा के महाराज ने ही सर्वप्रथम सफेद शेर देखा था और उसके बाद सन 1968 में इस जंगल को राष्ट्रीय अभ्यारण्य बना दिया गया,बांधवगढ़ के अंदर आपको इतिहास के पन्नों को लपेटे हुए जर्जर किला मिलेगा, प्राचीनकाल की मूर्तियां व मंदिर मिलेंगे, और लगभग 600 से अधिक पशु पक्षी प्रजातियां मिलेंगी, जिसका लुत्फ आप पर्सनल कार, या जिप्सी बुक करके उठा सकते है।
बांधवगढ़ वन्य प्राणी एवम जीवन
बांधवगढ़ के अंदर आपको इतिहास के पन्नों को लपेटे हुए जर्जर किला मिलेगा, प्राचीनकाल की मूर्तियां व मंदिर मिलेंगे, और लगभग 600 से अधिक पशु पक्षी प्रजातियां मिलेंगी, जिसका लुत्फ आप पर्सनल कार, या जिप्सी बुक करके उठा सकते है, जिनमे बाघ प्रमुख है और ये टाइगर रिजर्व भी है, जहां पूरे भारत मे सबसे ज्यादा बाघ मिलते है वर्ग के हिसाब से साथ ही यहां बंगाल टाइगर्स, चीता, तेंदुए, एशियाई भालू, ग्रिजली बियर, पॉर्कपाइन, हाथी, भेड़िए, सियार, जंगली कुत्ते, वाइल्ड पिग, नीलगाय, लकड़बग्घे, गेंडे समेत बहुत सारे स्तनधारी जीव आसानी से देखने मिल जाते है, यहां तितलियों की कई प्रजातियां, और हिरण की लगभग 10 प्रजातियां व गिद्ध, बाज, हंस, सारस समेत लगभग 200 पंक्षियो की प्रजातियां यहां देखने को मिलती है, अमूमन बांधवगढ़ विजिट करने का सबसे उचित समय नवंबर से मई को होता है इसके आलावा बारिश के सीजन में जुलाई से सितंबर में भी ये स्थान अधिकतम हरा भरा हो जाता है।
बांधवगढ़ में कहां ठहरे
यहां रुकने के लिए अभ्यारण्य के आस पास ताला रोड व अन्य गेट्स के आस पास कई रिजॉर्ट मिल जाएंगे वो भी उचित मूल्यों पर और यहां आपको साधारण, डीलक्स, वीआईपी व ट्री हाउसेस इत्यादि मिल जाएंगे जो आपको इस स्थान पर दोबारा आने को मजबूर करेंगे।
बांधवगढ़ आप और आपके सवाल
बात करें अगर ट्रैवलिंग की तो बहुत सारे सवाल मन में होते है अगर आप पहली बार अनजान जगह पर या फेमस जगह पर जा रहे हों तो, आपके इन सभी सवालों का जवाब आज शहर यार का टूरिस्ट गाइड मित्र देगा।
- अक्सर मन में सवाल होते हैं की उस जगह तक किस मार्ग से पहुचा जाएं?
- ट्रेन कहां से मिलेंगी किराया क्या होगा ?
- नजदीकि स्टेशन क्या है?
- रुकने की क्या व्यवस्था होती है?
- पर्सनल टैक्सी वगैरह कैसे मिलती है?
- जंगल सफारी कैसे करेंगे कितना चार्ज होता है?
- खाना खजाना कहां से और कितने बजट में होगा ?
- ओवरऑल बजट क्या होगा व्यक्ति विशेष के लिए ?
आपके मन मे नही यही क्वेश्चन्स उठ रहे होंगे की आपकी पॉकेट क्या कहती है इस खूबसूरत जगह के लिए है ना?
तो चलिए आपको बताते है की आप बांधवगढ़ सफारी का लुत्फ कैसे उठा सकते हैं।
बांधवगढ़ टूरिज्म
बांधवगढ़ अमूमन अपने टाइगर रिजर्व के लिए जाना जाता है जो उमरिया जिले से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और पर्यटक मुख्यता बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान ही विजिट करने आते है, लेकिन इसके अलावा भी उमरिया जिले से कुछ दूरियों पर और भी प्रमुख और ऐतिहासिक स्थान है घूमने को जिनमे चंडिया गांव, बिरसिंहपुर पाली मंदिर, शेष शैया, बांधवगढ़ किला, चरांगंगा नदी उद्गम, पानपथ वन्यजीव अभ्यारण्य, बघेल म्यूज़ियम ( जहां पहला सफेद शेर का अवशेष है) बांधवगढ़ हिस्टोरिकल केव, बेल्हा मन्दिर, और बड़ेरी गांव प्रमुख स्थल है।
बांधवगढ़ कैसे जाएं
बांधवगढ़ आप देश के अलग अलग हिस्से से आ सकते है मुख्यता बांधवगढ़ आने के लिए आपको फ्लाइट, बस, ट्रेन और टैक्सी मिल जाती है,
अगर आप फ्लाइट से आ रहे है तो आपको जबलपुर आना होगा जहां से बांधवगढ़ की दूरी लगभग 153 किलोमीटर है, आपको जबलपुर से बिलासपुर के लिए ट्रेन पकड़नी पड़ेगी और वहीं बीच में पड़ता है उमरिया जहां उतरकर आपको 30 किलोमीटर का सफ़र विया टैक्सी करना पड़ेगा बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के लिए, अमूमन मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, इन्दौर से आपको जबलपुर के लिए डायरेक्ट फ्लाइट मिल जाएगी।
आपके सुविधा अनुसार आपको फ्लाइट मिल जाएंगी जिसके बाद जबलपुर से आप लगभग 150 रुपए खर्च करके कटनी या उमरिया पहुंच जाएंगे, आप चाहे तो पर्सनल टैक्सी भी कर सकते है जो लगभग 2500, तक चार्ज करती है तो मेरे हिसाब से टैक्सी एक बेस्ट ऑप्शन नहीं रहेगा, ट्रेन रहेगा,
उमरिया पहुंच कर आपको 200/500 के बीच टैक्सी मिल जाएगी और कैब भी लगभग 300 से 600 में सीट और लोग अनुसार मिल जाएगी।
बात करें स्टे की तो आप दो तरीके से यहां की सफारी चुन सकते हैं जिसके लिए पहले आपको ये डिसाइड करना होगा की आप अपना सफर किस गेट से शुरू करेंगे मुख्यता बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में चार गेट है जिनमे पनपथा, खितौली, ताला और शेष शैय हैं।
या तो आप अलग से रिजॉर्ट ले अलग से गाइड करें अलग से जिप्सी ले और खाना खजाना भी अलग से करें, या तो आप किसी रिजॉर्ट का पैकेज ले लें, जिसमे गाइड, जिप्सी, टू डेज सफारी, टू नाइट थ्री डेज स्टे, फूडिंग, लंच, डिनर, ब्रेकफास्ट, चाय इत्यादि इंक्लूड होती हैं, जिसमे आप डीलक्स वीआईपी और लग्जरी पैकेज चुन सकते हैं जिनके अलग रेट है प्रति व्यक्ति,
यदि आप डीलक्स पैकेज लेते है तो आपको प्रति व्यक्ति 7000 पे करने होते है जिसने दो रातें और तीन दिन समेत गाइड, खाना पीना, एंट्री चार्ज, जिप्सी आदि इंक्लूड होते हैं।
बांधवगढ़ बजट
- 150 रुपए ट्रेन जबलपुर से उमरिया×2
- 300 रुपए उमरिया से बांधवगढ़ ×2
- 500 अन्य
- 7000 पैकेज
- ओवरऑल – 9000 रुपए का खर्च आता है जो एक बहुत महंगा सौदा नहीं है,
- बात करते है ट्रेन की तो अलग अलग रूट से अलग अलग टिकट्स होते है जिसकी जांच आप विभिन्न वेबसाइट्स और ऐप्स के माध्यम से कर सकते है
- जिसके लिए निकटतम स्टेशन, कटनी, सतना और उमरिया हो सकता है,
- अमूमन आने जाने का 1000 रुपए लेकर चलिए
- ट्रेन 1000
- लोकल किराया 500
- 300 रुपए उमरिया से बांधवगढ़ ×2
- 500 अन्य
- 7000 पैकेज
- ओवरऑल 9500 में आप अपना पूरा सफर तय कर सकते है इंक्लूड ट्रेन।
लगभग यही अनुमान बस का भी होता है।
तो अगर आप बांधवगढ़ आ रहे है तो ट्रेन एक बेस्ट ऑप्शन है जो की जमीनी खूबसूरती से आपको रूबरू कराती है, और पैकेज एक उचित ऑप्शन होता है, जब भी आइए तीन दिन का समय बांधवगढ़ और एक से दो दिन ट्रैवलिंग का निकाल कर आइए, और जब भी आइए अपनी फैमिली या फ्रेड्स के साथ ही आइए जिससे ना सिर्फ खर्चा बचता है बल्कि मजा भी चार गुना बढ़ जाता है,
इस जगह की सबसे बेहतरीन बात ये है की यहां पर कोविद गाइडलाइंस का सख़्ती से पालन किया जाता है आपके रूम्स को सेनेटाइज किया जाता है, आपको सैनेटाइज किया जाता है, गाडियों समेत पूरे स्थान जहां पर आप रहते है उसको भी सेनेटाइजर किया जाता है इसके साथ ही यहां भोजन देने से पहले बर्तनों को यूवी किरणों द्वारा साफ किया जाता है जो अपने आप में एक कमाल की बात है।
बांधवगढ़ में क्या क्या कर सकते हैं
इसके साथ ही यहां अगर घूमने आ रहे है तो प्रकृति से जुड़िए और सांसारिक मोह को अपने बैग में बंद कर दीजियेगा जैसे मोबाइल लैपटॉप आदि वस्तुओं को, और प्रकृति का भरपूर आनंद उठाइए, इसके साथ ही यहां जंगल सफारी के साथ साथ आप हॉट एयर बैलून का लुत्फ भी उठा सकते है और अपने रिजॉर्ट में कई सारी गेमिंग एक्टिविटीज जैसे स्विमिंग, हाइड एंड सीक के साथ साथ अन्य खेलों का आनंद उठा सकते है।
ये है हमारा बांधवगढ़
तो कब आ रहे है बांधवगढ़ के राजाओं को रियासतें और सीता बाघिन तथा गुज्जर बाघ के वंशों को देखने आपको पता है सीता बाघिन इंसानों के बेहद करीब रही है जिसके नाम सबसे ज्यादा फोटोग्राफ का गिनीज़ रिकॉर्ड भी है, और वहीं गुज्जर को दुनिया का सबसे ताकतवर बाघ के रूप में जाना जाता था तो है ना ये कमाल की बात तो चलिए मिलते है बांधवगढ़ के शानदार सफर पर, जहां करेंगे बातें जंगल से और भरेंगे उड़ान इतिहास के पन्नों पर, तब तक आपको ये जानकारी कैसी लगी ये कॉमेंट करके अपना फीडबैक जरूर दे ताकि शहर यार लेके आता रहे आपके लिए ऐसी ही शानदार ट्रैवलिंग गाइड व शहरों की जानकारियां।
धन्यवाद!